नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने को बताया कि जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ़्लाइट से नेहरू रोज़ एडविना को पत्र भेजा करते थे.
नई दिल्ली:
14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर देश में बाल दिवस मनाया जाता है. वो बच्चों को काफी प्यार करते थे. जिसकी वजह से उनको चाचा नेहरू भी बुलाया जाता है. जवाहरलाल नेहरू अपनी जिंदगी को काफी रॉयल अंदाज में जीते थे. वे दिखने में काफी साधारण थे लेकिन उनके रहने का अंदाज काफी शानदार रहा है. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं जवाहरलाल नेहरू से जुड़े ऐसे फैक्ट्स, जो बहुत कम लोग जानते हैं....
नेहरूजी के कपड़े धुलने जाते थे लंदन
जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के बड़े वकील थे. नेहरूजी को बचपन से ही शानदार बीता है. कहा तो ये भी जाता है कि मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के कपड़े लंदन में धुलने जाते थे.
सिगरेट हुई खत्म तो विमान से लाई गई
जवाहरलाल नेहरू को सिगरेट पीने का बहुत शौक था. वो हर जगह सिगरेट पीते भी नजर आते थे. एक वक्त की बात है जब नेहरूजी भोपाल पहुंचे तो वहां उनकी 555 ब्रांड की सिगरेट खत्म हो गई. वहां कहीं भी उनकी सिगरेट नहीं मिली. जिसके बाद विशेष विमान में इंदौर से सिगरेट लाई गई.
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अपने नाई के लिए लंदन से लाए घड़ी
जवाहरलाल नेहरू को एक बार लंदन जाने वाले थे. उनका नाई हमेशा लेट हो जाया करता था. नेहरूजी के पूछने पर नाई ने कहा- 'मेरे पास घड़ी नहीं है, जिसके कारण वो हमेशा लेट हो जाया करते हैं.' जिसके बाद वो लंदन से नई घड़ी लाए थे.
नेहरूजी के कहने पर टाटा ने बनाया था लैक्मे ब्यूटी प्रोडक्ट लैक्मे ब्यूटी प्रोडक्ट देश का जाना माना नाम है. लेकिन, इसके बनने के पीछे की कहानी थोड़ी दिलचस्प है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस बात को लेकर चिंतित थे कि भारतीय महिलाएं ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा खर्च कर रही हैं. जिसको देखते हुए नेहरू ने जेआरडी टाटा ने ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने का निवेदन किया. जिसके बाद लैक्मे मार्केट में आया.
जब पहली बार विदेश से आई नेहरूजी के लिए कार
नेहरूजी को कार से घूमने का काफी शौक था. मोतीलाल नेहरू भी ये बात अच्छे से जानते थे. मोतीलाल नेहरू ने बेटे के लिए विदेशी कार मंगवाई थी. आपको बता दें, इलाहाबाद की सड़कों पर आने वाली यह पहली कार थी.
नेहरूजी को कार से घूमने का काफी शौक था. मोतीलाल नेहरू भी ये बात अच्छे से जानते थे. मोतीलाल नेहरू ने बेटे के लिए विदेशी कार मंगवाई थी. आपको बता दें, इलाहाबाद की सड़कों पर आने वाली यह पहली कार थी.
अब एक ऐसा सच जिससे आप अनजान हो
नेहरू का इश्क
नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने को बताया कि जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ़्लाइट से नेहरू रोज़ एडविना को पत्र भेजा करते थे.
एडविना उसका जवाब देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान तक पहुंचाया करता था.
नैयर ने एक बार एडविना के नाती लार्ड रैमसे से पूछ ही लिया कि क्या उनकी नानी और नेहरू के बीच इश्क था? रैमसे का जवाब था, "उनके बीच आध्यात्मिक प्रेम था." इसके बाद नैयर ने उन्हें नहीं कुरेदा. नेहरू के एडविना को लिखे पत्र तो छपे हैं लेकिन एडविना के नेहरू को लिखे पत्रों के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं हैं.
कुलदीप नैयर ने एक बार इंदिरा गाँधी से उन पत्रों को देखने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने उन पत्रों को दिखाने से साफ़ इनकार कर दिया था.
एडविना ही नहीं सरोजिनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू के लिए भी नेहरू के दिल में सॉफ़्ट कॉर्नर था. कैथरीन फ़्रैंक इंदिरा गाँधी की जीवनी में लिखती हैं कि विजयलक्ष्मी पंडित ने उन्हें बताया था कि नेहरू और पद्मजा का इश्क ‘सालों’ चला.
1937 में नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "तुम 19 साल की हो (जबकि वो उस समय 37 साल की थीं)... और मैं 100 या उससे भी से ज़्यादा. क्या मुझे कभी पता चल पाएगा कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो."
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एक बार और मलाया से नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, "मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए मरा जा रहा हूँ.. मैं तुम्हें देखने, तुम्हें अपनी बाहों में लेने और तुम्हारी आँखों में देखने के लिए तड़प रहा हूँ."(सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ नेहरू, सर्वपल्ली गोपाल, पृष्ठ 694)
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