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Monday, November 18, 2019

काली माता का अध्भुत मंदिर जहा प्रसाद में मिलता है चीनी भोजन







हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं को पूजा जाता है। इनकी महिमा और शक्तियों से केवल हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग प्रभावित हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। कोलकाता का चीनी काली मंदिर इस बात का एक उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण हिंदुओं ने नहीं बल्कि चीन के लोगों ने करवाया था। इतना ही नहीं इस मंदिर के अधिकतर भक्त भी चाइना के ही है।

चीनी लोगों ने किया था इस मंदिर का निर्माण

हिंदू धर्म में देवी काली को क्रोध का प्रतीक माना जाता है, परन्तु कोलकाता स्थित चीनी काली मंदिर देवी की उदारता का प्रतीक है। यह मंदिर कोलकाता से 12 कि.मी की दूरी पर टांग्रा शहर में है। इस जगह पर मुख्यतः चीनी लोगों का निवास है। इसलिए ही यह चाइना टाउन के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक रोचक कहानी है-







लगभग 60 साल पहले इस स्थान पर मां काली का कोई मंदिर नहीं था। एक पेड़ के नीचे कुछ काले पत्थर रखे हुए थे, जिन्हें लोग देवी का प्रतीक मानकर उनकी पूजा करते थे। एक दिन एक चीनी लड़के की तबीयत अचानक खराब हो गई। बहुत कोशिश करने पर भी वह ठीक नहीं हुआ। कोई भी उसकी बीमारी का कारण नहीं समझ पा रहा था। तब उसके लड़के का परिवार पेड़ के नीचे स्थित माता की पूजा- आर्चना करने लगा। सात दिन तक लगातार देवी की पूजा करने पर वह लड़का अचानक बिल्कुल ठीक हो गया। इसी बात से वहां के चीनी परिवारों को देवी की शक्तियों पर विश्वास हो गया। कुछ समय बाद वहां के कुछ चीनी परिवारों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया।


खास है यहां का प्रसाद







चीनी काली मंदिर की सबसे खास बात यहां की प्रसाद है। यहां देवी को प्रसाद में चाइनीज वस्तुओं का ही भोग लगाया जाता है। नूडल्स, चोपसी, चावल और सब्जियों के व्यंजन यहां के मुख्य प्रसाद है।

हिंदू रीति-रिवाजों का होता है पालन



यहां के ज्यादादर भक्त भी चीनी हैं, फिर भी इस मंदिर में सभी हिंदू रीतियों का पालन किया जाता है। सभी भक्त अपने जूते-चप्पल मंदिर के बाहर खोलकर ही मंदिर में प्रवेश करते हैं। साथ ही मां काली के आगे दीपक भी जलाया जाता है।



धूम-धाम से होती है पूजा


मंदिर में पूजा रोज सुबह बड़े धूमधाम से की जाती है। रोज सुबह मां काली को ताजे फूल, मिठाई और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। इस मंदिर के पंडित बंगाली ब्राह्मण होते हैं।

दीपावली होती है बहुत खास







 इस मंदिर में दीपावली भी बहुत खास तरीके से मनाई जाती है। मंदिर को सजाया जाता है और कई हिंदू और चीनी परिवार पूजा में भाग लेते हैं।

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